मुंशी प्रेमचंद का जीवन परिचय और उनकी रचनाएँ - Munshi Premchand
मंशी प्रेमचन्द का जीवन परिचय
मुंशी प्रेमचन्द का असली नाम धनपत राय था । उनका जन्म सन् १९८० में वाराणसी जिले के लमही ग्राम में हुआ था । उनके पिता अजायबराय डाकखाने में क्लर्क थे । प्रेमचन्द की शिक्षा का आरम्भ उर्दू में हुआ था । उनका बचपन कठिनाई में बीता, फिर भी उन्होंने बी० ए० की परीक्षा ट्यूशन पढ़ा-पढ़ाकर पास कर ली । फिर १८ रुपये मासिक वेतन पर अध्यापक बने । उसके बाद सब-डिप्टी इन्सपेक्टर हुये । देश की आजादी के लिये उन्होंने देश-प्रेम की कहानियाँ लिखीं और अंग्रेजों की अन्यायपूर्ण नीतियों के विरुद्ध लिखा । प्रेमचन्द सामाजिक कुरीतियों, अर्थहीन रूढ़ियों, परम्पराओं । और अन्ध-विश्वासों का विरोध करते रहे | गाँधीजी के कहने पर वे स्वाधीनता की लड़ाई में सम्मिलित हुये । उन्होंने अनेक कहानियों तथा उपन्यासों के द्वारा भारतीय संस्कृति तथा समाज का सही चित्रण प्रस्तुत किया और उसे प्रगति के उपाय सुझाये।
मुंशी प्रेमचंद की रचनाएँ
"गोदान" (Godan):
"प्रेमा" (Prema):
"निर्मला" (Nirmala):
"कर्मभूमि" (Karmabhumi):
"गबन" (Gaban):
"पूस की रात" (Poos Ki Raat):
"ईदगाह" (Eidgah):
"शत्रु" (Shatranj Ke Khiladi):
अभ्यास प्रश्न
प्रश्न १. प्रेमचन्द अपनी शिक्षा क्रम से जारी क्यों नहीं रख सके ?
उत्तर - प्रेमचन्द के पिता का तबादला एक जगह से दूसरी जगह होता रहता था । इससे वे अपनी शिक्षा का क्रम जारी नहीं रख सके ।
प्रश्न २. प्रारम्भिक जीवन में प्रेचन्द ने आर्थिक कठिनाइयों का सामना किस प्रकार किया ?
उत्तर - जब प्रेमचन्द आठ वर्ष के थे तभी उनकी माता का देहान्त हो गया था । पिता ने दूसरा विवाह कर लिया परन्तु प्रेमचन्द को विमाता से वह स्नेह नहीं मिला जो अपनी माता से मिलता था ।
प्रश्न ३. प्रेमचन्द ने किस उद्देश्य से अपने उपन्यासों और कहानियों की रचना की?
उत्तर - प्रेमचन्द ने अपने उपन्यासों और कहानियों की रचना सामाजिक कुरीतियों, अर्थहीन सदियों की परम्पराओं और अन्धविश्वासों का विरोध करने के लिये की । उन्होंने बाल-विवाह का विरोध और विधवा विवाह का समर्थन किया । उनकी रचनाओं में देश-प्रेम की भावना व्यक्त होती है ।
प्रश्न ४. ऐसी दो राजनीतिक घटनाओं को लिखो जिनका उनके हृदय पर इतना प्रभाव पड़ा कि वे अन्याय का विरोध करने के लिये तत्पर हो गये ।
उत्तर - प्रेमचन्द द्वारा लिखित ''सोजे वतन'' की सभी प्रतियाँ अंग्रेजी सरकार ने छीन ली और उस पुस्तक पर प्रतिबन्ध लगा दिया था । दूसरी घटना यह थी कि कलेक्टर उनकी गाय को गोली मारना चाहता था ।
प्रश्न ५. प्रेमचन्द के चरित्र की किन्हीं चार विशेषताओं का उल्लेख करो ।
उत्तर - प्रेमचन्द के चरित्र की चार विशेषतायें -
(१) प्रेमचन्द सच्चे देश-भक्त थे ।
(२) उन्होंने कथा साहित्य में युगान्तर उपस्थित किया ।
(३) वे उपन्यास के सम्राट थे और उन्होंने भारतीय समाज में नव जागरण लाने का अथक प्रयास किया था ।
(४) वे स्वतन्त्रता-प्रेमी थे । इसीलिये गाँधीजी के आह्वान पर उन्होंने सरकारी नौकरी से त्याग-पत्र दे दिया था ।
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