बीएसए के फर्जी हस्ताक्षर से 15 स्कूलों को मिली मान्यता
सिद्धार्थनगर। बीएसए कार्यालय में तैनात लिपिक पर कूटरचित हस्ताक्षर से 15 विद्यालयों को मान्यता देने का आरोप साबित होने पर इन स्कूलों में पढ़ रहे बच्चों को परेशानी हो सकती है। बीएसए के फर्जी हस्ताक्षर से संचालित सभी 15 विद्यालयों को विभाग बंद करा सकता है। हालांकि विभाग बच्चों का नुकसान नहीं होने देगा, उन्हें बगल के स्कूल में शिफ्ट कर पढ़ाई कराएगा।
दरअसल बीएसए कार्यालय में तैनात लिपिक मुकुल मिश्र पर वर्ष 2019 में तत्कालीन बीएसए राम सिंह का फर्जी हस्ताक्षर कर 15 विद्यालयों को मान्यता देने का आरोप लगा था। शासन में हुई शिकायत के बाद गठित जांच कमेटी ने चार सितंबर को सौंपे जांच रिपोर्ट में लिपिक पर 15 विद्यालयों को कूटरचित तरीके से बीएसए का फर्जी हस्ताक्षर कर मान्यता देने का आरोप सही पाया है। स्कूलों को मान्यता देने में फर्जीवाड़ा के बाद फर्जी हस्ताक्षर से संचालित सभी 15 विद्यालयों पर कार्रवाई की तलवार लटकने लगी है।
पत्र का लेते संज्ञान तो परेशानी से बचते छात्र-अभिभावकतत्कालीन बीएसए राम सिंह ने जिले से जाने के बाद 10 फरवरी 2021 व 30 नवंबर 2021 को बीएसए सिद्धार्थनगर व उच्चाधिकारियों को पत्र लिख कर इस फर्जीवाड़े से अवगत कराया था लेकिन किसी भी जिम्मेदार ने प्रकरण पर गंभीरता नहीं दिखाई। तत्कालीन बीएसए के पत्र का जिम्मेदारों ने संज्ञान लिया होता तो आज सैकड़ों छात्रों व विद्यालय के शिक्षकों को भविष्य को लेकर परेशान नहीं होना पड़ता।
फर्जी हस्ताक्षर से सिद्धार्थनगर में 15 विद्यालय संचालित हैं। विभाग में बच्चों का भविष्य बर्बाद करने की कभी कल्पना भी नहीं की गई थी। इस मामले में शामिल लिपिक को निलंबित करते हुए एफआईआर दर्ज कराने के लिए बीएसए को निर्देशित किया गया है। साथ ही विद्यालयों को भी बंद कराने के लिए कहा गया है। छात्रों का अहित नहीं होगा। उन्हें बगल के विद्यालय में शिफ्ट कराया जाएगा। डॉ. एसपी त्रिपाठी, एडी बेसिक गोरखपुर-बस्ती मंडल
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