SHAB E BARAT KA ROZA - शब् ए बारात का रोज़ा

 SHAB E BARAT KA ROZA - शब् ए बारात का रोज़ा 

Shab E Barat ka Roza, Shab E Barat ka Roza kab hai 2024 में; तो आज की पोस्ट में आपको इन तमाम चीजों की मालूमात हो जाएगी। 


शबे बरात का त्यौहार एक रात है, जैसे शबे मेराज मनाया जाता है, ठीक उसी तरह शबे बरात भी मनाया जाता है; शबे मेराज की भी फजीलत काफी ज्यादा हैं.



Shab E Barat ka Roza में आगे चलने से पहले आपको यह बताना चाहेंगे की शबे बारात एक ऐसी रात है; जिसमें की गई दुआएं, इबादतें और हाजतें अल्लाह कबूल फरमा लेता है। 


Shab E Barat ka Roza 2024

दोस्तों शबे बारात का रोजा काफी ज्यादा अजमत, रहमत और बरकत वाला होता है, इसकी बड़ी वजह यह भी होती है; कि यह शाबान के महीने में रखा गया रोजा होता है। 

Shab e barat ka roza रखने से पहले हम पूरी रात अल्लाह की इबादत करते हैं; जिससे इस रोजे की फजीलत कई गुना बढ़ जाती है। 


आज की पोस्ट में आपको shab e barat ke roze ki niyat, shab e barat ki fazilat और shab e barat ke roze ki hadees भी बताएंगे। 

Shab-E-Barat 2024 कब है। शब् ए बारात के बारे में जाने


Shab E Barat ka Roza kab hai 2024

Shab e barat ka roza kab hai 2024 में तो आपको बता दें शबे बारात का रोजा अंग्रेजी तारीख के हिसाब से 08 मार्च को है; यानी अरबी कैलेंडर के हिसाब से 15 शाबान को है। 


Shab-e-barat ka roza kitna rakhe

Shab e barat ka roza रखना काफी अच्छा माना जाता है, और जिस तरह शबे मेराज का रोजा रखने की फजीलतें हैं; उसी तरह शबे बरात का रोजा रखने की भी काफी फजीलतेंं हैं.


दोस्तों शब ए बरात का दो रोजा रखा जाता हैं, और अगर आप दो रोजा नहीं रख सकते तो एक रोजा जरूर रखें.


पहला रोजा आप 14 शाबान को रखें यानी जिस दिन के रात में आपको शबे बरात की ईबादत करनी है; उस दिन और दूसरा रोजा आप 15 शाबान को रखें यानी रात भर इबादत करने के बाद दूसरे दिन रोजा रखें.


Shab e Barat ke Roze ki Niyat

दोस्तों नियत दिल का इरादा का ही दूसरा नाम है, आप अपने दिल में अगर शबे बरात का रोजा रखने का इरादा कर लेते हैं; तो वह आपकी Shab e barat ke roze ki niyat हो जाएगी मुंह से बोलना जरूरी नहीं है.

फिर भी अगर आप मुंह से शब ए बरात के रोजे की नियत करना चाहे तो आप नीचे दिए हुए तरीके से करें.

नियत – नियत करता हूं मैं शाबान की 15वीं शब – शबे बारात का रोजा की वास्ते अल्लाह तआला के।



Shab e Barat ke Roze ki Hadees

हजरत अली मुर्तजा रज़ी अल्लाहु अन्हा से मरवी है, कि हुज़ूर पुर नूर सल्लल्लाहो अलेही वसल्लम ने फरमाया; शबे बरात आए तो रात में कियाम करो यानी नमाज़ पढों और दिन में रोज़ा रखो.

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Shab E Barat ka Roza ki Fazilat

  • रहमतें नाज़ील होती हैं।
  • मुसलमानों की मगफिरत होगी।
  • दोज़ख के अज़ाब से पनाह मिलेगी।
  • दुनिया की परेशानियां दूर होंगी।
  • गुनाह माफ़ होंगे।


Shab E Barat ka Roza Rakhna kaisa hai?

शबे बरात का रोजा रखना जायज है, और इसे रखने की फजीलत भी काफी ज्यादा है। और इस रोज़े को रखने की हदीस भी हमने आपको इस पोस्ट में बता दी है।


Shab e barat ka roza kis mahine hai?

शब ए बरात का रोजा इस्लामिक तारीकों के हिसाब से 15 शाबान को है। अगर अंग्रेजी तारीख के हिसाब से बात करें तो 15 शाबान 25 Feb 2024 को पड़ रहा है।


आज आपने शब् ए बारात रोज़े के बारे में क्या जाना?

तो दोस्तों यह थी हमारी आज की पोस्ट जिसमें हमने shab e barat ka roza kab hai 2024 से जुड़ी जानकारी जानी; और भी कई चीजों पर हमने बात की जो शबे बरात से जुड़ी हुई हैं. जैसे :-

Shab e barat ka roza 2024.

Shab e barat ke roze ki fazilat.

Shab e barat ke roze ki niyat.

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