हैदर अली का जीवन परिचय - Biography of Haidar Ali
हैदर अली - Haidar Ali
हैदर अली अपने परिश्रम, दूरदर्शिता, कुशाग्र बुद्धि, असाधारण प्रतिभा तथा योग्यता के बल पर एक सिपाही के पद से मैसूर राज्य के शासक बने । उनका जन्म सन् १७२१ में मैसूर राज्य के सामान्य परिवार में हुआ था । बचपन में ही पिता की मृत्यु हो गई थी। | उन्होंने मैसूर की सेना में नौकरी कर ली और फिर अपनी कुशाग्र बुद्धि से मैसूर के शासक बन बैठे । मराठे, निजाम तथा अंग्रेज सभी उनकी वीरता का लोहा मानते थे । उन्होंने अंग्रेजी सेना तक को सन्धि के लिये मजबूर कर दिया था । वे धर्म-निरपेक्ष शासक थे और हिन्दुओं के त्यौहारों में स्वयं उपस्थित होते थे । उनके सिक्कों पर भी एक ओर त्रिशूल लिये शिव और पार्वती की आकृतियाँ बनी हुई थीं ।
अभ्यास प्रश्न
प्रश्न १. हैदर अली मैसूर के शासक किस प्रकार बन गये ?
उत्तर - मैसूर के राजा के स्वर्गवास हो जाने पर वे स्वयं मैसूर के शासक बन गये।
प्रश्न २. हैदर अली का मराठों के साथ संघर्ष क्यों हुआ करता था ?
उत्तर - हैदर अली की सफलता को देखकर मराठे और निजाम उनसे ईर्ष्या करने लगे थे । इसलिये मराठों के साथ संघर्ष हुआ करता था ।
प्रश्न ३. अंग्रेजों के विरुद्ध युद्ध करने में हैदर अली को सफलता क्यों नहीं मिली ?
उत्तर - अंग्रेजों के विरुद्ध युद्ध करने में हैदर अली को सफलता इसलिये नहीं मिली - क्योकि हैदर अली अकेले ही अंग्रेजों से जूझते रहे ।
प्रश्न ४. किस आधार पर हम कह सकते हैं कि शासन संचालन में हैदर अली भेद| भाव की नीति पर विश्वास नहीं करते थे?
उत्तर - हैदर अली शासन संचालन में पढ़े लिखे नहीं थे परन्तु वे कुशल प्रशासक थे। - अपनी प्रजा को वेसमान टि से देखते थे । वे न्यायप्रिय थे और निर्णय लेने में कभी विलम्ब नहीं करते थे। दरअली स्वयं अनुशासन में रहते थे और अनुशासन भंग करने वाले को कठोर दण्ड देते थे ।
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