परिपत्र किसे कहते हैं? परिपत्र की विशेषताएं, उदहारण व प्रारूप

परिपत्र किसे कहते हैं? परिपत्र की विशेषताएं, उदहारण व प्रारूप 

परिपत्र किसे कहते हैं?

"परिपत्र" एक शब्द है जो हिन्दी भाषा में पत्र या चिट्ठी को संकेतित करने के लिए उपयोग होता है। इसे अंग्रेजी में "letter" कहा जाता है। परिपत्र एक लिखित संवाद होता है जो व्यक्ति या संगठन से दूसरे व्यक्ति या संगठन को भेजा जाता है, जिसमें विभिन्न विषयों पर जानकारी, विचार या अनुरोध हो सकता है।

परिपत्र कई प्रकार के हो सकते हैं, जैसे कि प्रिवेट पत्र, सार्वजनिक पत्र, अधिकारिक पत्र, आदि। इसका उपयोग व्याकरण, प्रेम, आवेदन, और अन्य विषयों पर जानकारी साझा करने के लिए किया जा सकता है।

परिपत्र का अर्थ क्या है?

"परिपत्र" का शाब्दिक अर्थ है "पत्र" या "चिट्ठी"। यह एक हिन्दी शब्द है जो लिखित संवाद को संकेतित करता है, जिसे अंग्रेजी में "letter" कहा जाता है। इसे किसी व्यक्ति या संगठन से किसी अन्य व्यक्ति या संगठन को भेजा जाने वाला लिखित संदेश कहा जा सकता है, जिसमें विभिन्न विषयों पर जानकारी, विचार, अनुरोध आदि हो सकते हैं।

परिपत्र क्या होता है? या परिपत्र से आप क्या समझते हैं?

परिपत्र एक लिखित संदेश है जो एक व्यक्ति या संगठन से दूसरे व्यक्ति या संगठन को भेजा जाता है। यह विभिन्न उद्देश्यों के लिए लिखा जा सकता है, जैसे कि व्यक्तिगत संबंध, व्यापार, शिक्षा, आवेदन, आदि।


परिपत्र अक्सर तिथि, पत्रकार, पता, और सम्प्रेषक का नाम जैसी जानकारी के साथ आता है। इसमें एक प्रमुख विषय, विस्तारित सारांश और निष्कर्ष शामिल हो सकते हैं। परिपत्र लिखने का ढंग विभिन्न हो सकता है और इसमें उपयुक्त भाषा और रूपांतर शामिल हो सकते हैं जो उसके उद्देश्य के साथ मेल खाते हैं।

परिपत्र की विशेषताएं

परिपत्र की विशेषताएं इसके उद्देश्य और प्रकार के आधार पर भिन्न हो सकती हैं, लेकिन कुछ सामान्य विशेषताएं होती हैं जो एक परिपत्र को पहचानने में मदद कर सकती हैं:


प्रारंभिक जानकारी: 

परिपत्र का प्रारंभ आमतौर से एक सम्मेलन (संबंधित तिथि, पत्रकार या प्रेषक का नाम, पता, और संप्रेषक का नाम) के साथ होता है।


उद्देश्य: 

परिपत्र में एक स्पष्ट उद्देश्य होता है, जैसे कि जानकारी साझा करना, अनुरोध करना, धन्यवाद देना, आदि।


संरचना: परिपत्र का संरचना सामान्यत: 

प्रारंभिक भाग, मुख्य भाग और निष्कर्ष होता है। प्रारंभिक भाग में उपयुक्त जानकारी और मुख्य भाग में संदेश का विस्तार से विवेचन होती है। निष्कर्ष में संक्षेप और अंतिम टिप्पणी हो सकती है।


भाषा और रूपांतर: एक परिपत्र में सामान्यत: 

सभी विवरणों को स्पष्ट, संक्षेपी, और अभिवादन के रूप में व्यक्त करने की आवश्यकता होती है। भाषा सामाजिक संदर्भ, रिश्ते और उद्देश्य के अनुसार विभिन्न हो सकती है।


विशेष अंश: 

कुछ परिपत्र विशेष अंश शामिल कर सकते हैं, जैसे कि संलग्न दस्तावेज़, साक्षात्कार का आमंत्रण, और अन्य सामग्री।


परिपत्र की विशेषताएं आमतौर पर तात्कालिक संदर्भ और उद्देश्यों के आधार पर बदल सकती हैं, लेकिन इन सामान्य दिशानिर्देशों के माध्यम से एक अच्छा और प्रभावी परिपत्र तैयार किया जा सकता है।

परिपत्र का उदाहरण या परिपत्र का प्रारूप

यहां एक सामान्य प्रारूप का परिपत्र दिया गया है जो किसी व्यक्ति को एक स्कूल के प्रमुख को छुट्टी के लिए आवेदन करने के लिए प्रेरित कर रहा है:


[आपका पता]

[तारीख]


[प्रधानाचार्य का नाम]

[स्कूल का नाम]

[स्कूल का पता]


प्रिय [प्रधानाचार्य का नाम],


सविनय नमस्कार।


मैं [आपका नाम], [कक्षा/कोर्स का नाम], [रोल नंबर/छात्रा कोड], स्कूल का [स्कूल का नाम] का छात्र/छात्रा, आपको इस पत्र के माध्यम से यह सूचित कर रहा/रही हूँ कि मैं [विशेष या कारगर कारणों की बजह से], [दिनों की संख्या] के लिए छुट्टी के लिए आवेदन करना चाहता/चाहती हूँ।


[विस्तार से आवश्यकता बताएं, जैसे रोग, परिवार की कोई आपत्ति, या अन्य आवश्यकता।]


मैं आपसे निवेदन करता/करती हूँ कि आप मेरे छुट्टी के लिए प्रावधान करें ताकि मैं इस समय का सही तरीके से उपयोग कर सकूँ। मैं आपकी सहायता के लिए हमेशा कृतज्ञ रहूँगा/रहूँगी।


आपकी शीघ्र प्रतिक्रिया का मैं इंतजार करूँगा/करूँगी।


धन्यवाद,


[आपका पूरा नाम]

[तारीख]


इसे संदर्भ के रूप में लेकर, आप अपनी आवश्यकताओं और स्थितियों के अनुसार अपना परिपत्र अनुकूलित कर सकते हैं।

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