प्राइमरी के गुरुजी को अब नहीं ढोने पड़ेंगे 14 रजिस्टर, रजिस्टर इस प्रकार हैं

 प्राइमरी के गुरुजी को अब नहीं ढोने पड़ेंगे 14 रजिस्टर, रजिस्टर इस प्रकार हैं


लखनऊ। गुरुजी जल्द ही एक के बाद एक-कर 14 रजिस्टर भरने की झंझटों से मुक्त हो जाएंगे। रजिस्टर पर न प्रतिदिन अपनी हाजिरी लगाने की समस्या रहेगी और न ही बच्चों की हाजिरी बनाने के लिए कक्षा तक रजिस्टर लादकर लाने की मजबूरी रहेगी। मिड डे मील के रजिस्टर को अलग से संभाल कर रखने की समस्या से भी मुक्ति मिल जाएगी। अब यह सारे कार्य मोबाइल के जरिये किया जाएगा।

जी हां, मोबाइल पर ही उपस्थिति दर्ज होगी। मोबाइल पर ही शिक्षक डायरी भरी जाएगी। स्टॉक पंजिका, आय-व्यय पंजिका आदि भी उसी पर भरी जाएगी। मतलब यह कि बेसिक शिक्षा विभाग पेपरलेस बनने की दिशा में आगे बढ़ने की तैयारी में है।


जानकारों की मानें तो मिशन प्रेरणा-टू के तहत प्राथमिक विद्यालयों में उपयोग हो रहे 14 रजिस्टरों को ऑनलाइन करने की तैयारी है। इसमें मोबाइल पर एक ऐप तैयार किया गया है।


पूरे प्रदेश में होगा लागू फिलहाल इस ऐप के जरिये सभी 14 रजिस्टरों के कार्य मोबाइल पर करने की राजधानी लखनऊ के चार विद्यालयों के शिक्षक व प्रधानाध्यापकों को ट्रेनिंग दी गई है। एक सप्ताह तक मिलने वाले फीडबैक के बाद ग्रीष्मावकाश के बाद पूरे प्रदेश में इसे लागू किया जाएगा। हालांकि शिक्षक अब मोबाइल पर किया जाना वाला एक और कार्य अपने जिम्मे लेने को तैयार नहीं हैं। उनका कहना है कि फिलहाल ऐप पर किये जा रहे तीन कार्य मसलन, यू- डायस फीडिंग, डीबीटी और परिवार सर्वेक्षण के कार्य ही काफी जटिल और टाइम टेकिंग हैं।


रजिस्टर इस प्रकार हैंउपस्थिति रजिस्टर, प्रवेश रजिस्टर, कक्षावार छात्र उपस्थिति रजिस्टर, शिक्षक डायरी, एमडीएम रजिस्टर, बैठक रजिस्टर, समेकित निशुल्क सामग्री वितरण रजिस्टर, आय-व्यय पंजिका, चेक इश्यू रजिस्टर, स्टॉक पंजिका, निरीक्षण रजिस्टर, बाल गणना रजिस्टर, पत्र व्यवहार पंजिका तथा पुस्तकालय एवं खेलकूद रजिस्टर।




शिक्ष़कों से मोबाइल पर तीन बड़े कार्य पहले से ही कराए जा रहे हैं। अब एक कार्य और थोपने की तैयारी है। इसके लिए ना तो कोई सीयूजी नंबर और न ही इंटरनेट डाटा दिया जा रहा है।


वीरेन्द्र सिंह, जिलामंत्री, उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्ष़क संघ, लखनऊ


डिजिटाइजेशन काम को काफी आसान बना देता है। विभाग में भी यही करने की कोशिश की जा रही है। ऐप पर ये सारे कार्य होने से पारदर्शिता रहेगी और सभी के लिए काम भी आसान होगा।


विजय किरन आनन्द, महानिदेशक, स्कूल शिक्षा


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