सहारा के निवेशकों के पैसे मिलेंगे वापस, नौ माह में पूरा करें भुगतान
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने सहारा इंडिया के करोड़ों निवेशकों को बड़ी राहत दी है। निवेशकों के फंसे पैसे वापस करने के लिए शीर्ष अदालत ने बुधवार को केंद्र सरकार की याचिका पर सहारा सेवी खाते में पड़े 24,979.67 करोड़ रुपये में से 5,000 करोड़ रुपये जारी करने का आदेश दिया है। जस्टिस एमआर शाह और जस्टिस सीटी रविकुमार की पीठ ने आदेश में कहा कि 15,000 करोड़ रुपये सेंट्रल रजिस्ट्रार ऑफ कोऑपरेटिव सोसायटी को ट्रांसफर किया जाए। यह रकम निवेशकों में वितरित की जाएगी। पीठ ने पारदर्शी तरीके से रकम सीधे निवेशकों के बैंक खातों में भेजने को भी कहा है।
सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज करेंगे निगरानी
पीठ ने कहा है कि रकम वितरण की निगरानी सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज जस्टिस आर सुभाष रेड्डी करेंगे। न्याय मित्र वकील गौरव अग्रवाल उनका सहयोग करेंगे। इसके लिए जस्टिस रेड्डी को हर महीने 15 लाख रुपये और न्याय मित्र अग्रवाल को पांच लाख रुपये मिलेंगे। सेंट्रल रजिस्ट्रार ऑफ कोऑपरेटिव सोसायटी जस्टिस रेड्डी और न्याय मित्र की सलाह पर जमाकर्ताओं को राशि का भुगतान करने के तौर तरीके तय करेगी।
शीर्ष कोर्ट ने कहा था, रकम लौटाएं
दरअसल, अगस्त 2012 में सुप्रीम कोर्ट ने ही सहारा इंडिया की दो कंपनियों सहारा इंडिया रियल एस्टेट कॉरपोरेशन लि. और सहारा हाउसिंग इंडिया कॉरपोरेशन लि. के निवेशकों को उनकी रकम वापस करने का आदेश दिया था। शीर्ष अदालत के इस आदेश के बाद सहारा सेवी एस्क्रो खाता खोला गया था। इस खाते में सहारा की तरफ तरफ से 24,979.67 करोड़ रुपये जमा कराए गए हैं।
निवेशकों से जुटाए 24 हजार करोड़
सहारा इंडिया का यह विवाद साल 2009 का है। आरोप है कि सहारा ने गलत तरीके से इसके जरिये निवेशकों से 24,000 करोड़ की रकम जुटाई थी, जो सेबी के सामने आ गई। सेबी ने सहारा की इन कंपनियों की जांच की तो कई अनियमितताएं पाई गई। इसके बाद सेबी ने सहारा को निवेशकों को उनका पैसा ब्याज समेत लौटाने का आदेश दिया। बाद में मामला उलझता चला गया और सहारा के लाखों निवेशक अपने फंड का इंतजार कर रहे हैं।
नौ माह में पूरा करें भुगतान
पीठ ने नौ महीने में भुगतान का काम पूरा करने के लिए कहा है। अदालत ने आदेश दिया है कि भुगतान करने के बाद अगर रकम बचती है तो उसे वापस सहारा- सेबी खाते में ट्रांसफर किया जाए।
0 Comments
Please do not enter any spam link in the comment box