तीन स्कूलों को मिली प्रदेश में पहचान
एटा : राज्य शैक्षिक अनुसंधान व प्रशिक्षण परिषद उत्तर प्रदेश द्वारा शुरू की गई मेरा विद्यालय मेरी पहचान योजना के तहत प्रदेश स्तर पर जिले के तीन विद्यालयों का चयन किया गया है। उत्कृष्टता की श्रेणी में चयनित इन विद्यालयों में शैक्षिक गुणवत्ता के अलावा अन्य बिंदुओं पर भी मूल्यांकन किया।
चयनित स्कूलों में विकासखंड अवागढ़ का प्राथमिक विद्यालय हंसपुर और दूसरा जलेसर ब्लाक क्षेत्र से पूर्व माध्यमिक विद्यालय बछेपुरा के अलावा शीतलपुर के कंपोजिट स्कूल औन को यह उपलब्धि प्राप्त हुई है। राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद के द्वारा मेरा विद्यालय मेरी पहचान योजना पिछले साल प्रारंभ शुरू की गई। योजना में प्रतिभाग के लिए प्राथमिक, जूनियर व कंपोजिट स्कूल स्तर पर प्रधानाध्यापकों को डायट स्तर पर अपनी उपलब्धियों के साथ प्रविष्टियां दी जानी थीं। जिले से पांच दर्जन से ज्यादा प्रविष्टियां की गईं, जिनमें से बेहतर तीन प्रविष्टियों को राज्य शैक्षिक अनुसंधान परिषद के लिए भेजा गया। मेरा विद्यालय मेरी पहचान प्रतिस्पर्धा के अंतर्गत मूल्यांकन में विद्यालय की छात्र संख्या, विद्यार्थियों की औसत उपस्थिति अपेक्षित लर्निंग आउटकम की संप्राप्ति के अलावा क्रियाशीलता को परखा गया। इसीक्रम में स्कूल परिसर की साफ- सफाई, पर्यावरण संरक्षण, शौचालय की क्रियाशीलता, पुस्तकालय की व्यवस्था एवं बालिका शिक्षा को प्रोत्साहित करने के प्रयास जैसे बिंदुओं पर फोकस किया गया। सभी बिदुओं के मूल्यांकन के आधार पर एससीइआरटी ने उत्कृष्ट स्कूलों की सूची जारी की है।
विकास खंड शीतलपुर के कंपोजिट स्कूल ऑन को दोहरी पहचान मिली है क्योंकि इसी सत्र में प्रधानाध्यापिका सीमा सिंह को राज्य शिक्षक पुरस्कार और अब स्कूल का चयन इस योजना में हुआ है। जलेसर क्षेत्र के पूर्व माध्यमिक विद्यालय बछेपुरा को दूसरी बार लगातार चयनित किया गया है।
प्रधानाध्यापक प्रमोद कुमार के अलावा शिक्षक राकेश कुशवाह व मेलिना चौहान की मेहनत और प्रयास को फिर पहचान मिली। इसीक्रम में अवागढ़ विकासखंड के प्राथमिक विद्यालय कुसैत के प्रधानाध्यापक हेम रतन दक्ष द्वारा बेहतर स्कूल के कायाकल्प के अलावा नामांकन, ठहराव तथा संप्राप्ति में बेहतर प्रदर्शन किया है।
मेरा विद्यालय मेरी पहचान योजना से शिक्षकों में अपने स्कूलों को उत्कृष्ट बनाने में रुचि बढी है। आगे और भी स्कूलों का बेहतर प्रदर्शन होगा। डा. जितेंद्र सिंह, उप शिक्षा निदेशक डायट
0 Comments
Please do not enter any spam link in the comment box