चपरासी का काम करने को मजबूर बीआरसीसी और शिक्षक
हमीरपुर। खंड स्रोत केंद्र समन्वयक (बीआरसीसी) कार्यालय हमीरपुर में चपरासी की नियुक्ति न होने से बीआरसीसी और शिक्षकों को ही चपरासी के काम करने पड़ रहे हैं। वर्तमान में हथली खडड् स्थित हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड के पुस्तक वितरण केंद्रों पर स्कूली विद्यार्थियों को उपलब्ध करवाई जाने वाली निशुल्क पाठ्य पुस्तकें पहुंच चुकी हैं लेकिन यहां से पुस्तकों को बीआरसीसी कार्यालय या स्कूलों तक पहुंचाना मुश्किल हो रहा है।
कार्यालय में चपरासी के न होने से बीआरसीसी को ही हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड के पुस्तक वितरण केंद्रों पर जाकर विभिन्न स्कूलों की पाठ्यपुस्तकें ढोनी पड़ रही हैं। जिससे उन्हें काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। वहीं, कुछेक स्कूलों से शिक्षकों की ड्यूटी पुस्तकें ढोने के लिए लगाई गई है।
वर्तमान में पहली से जमा एक कक्षा तक के विद्यार्थियों की वार्षिक परीक्षाएं चली हुई हैं। ऐसे में शिक्षा विभाग की ओर से स्कूल शिक्षकों की ड्यूटी स्कूल शिक्षा बोर्ड के पुस्तक वितरण केंद्रों से किताबें ढोने के लिए लगाई जा रही हैं। जिससे स्कूलों में विद्यार्थियों की परीक्षाएं भी प्रभावित हो रही हैं। बीआरसीसी कार्यालयों में चारों ओर प्री-प्राइमरी से पांचवीं कक्षा तक के विद्यार्थियों की कार्य पुस्तिकाओं के ढेर लगे हैं। वहीं, प्राथमिक शिक्षक संघ के प्रधान और बीआरसीसी हमीरपुर नरेश शर्मा, अपर बीआरसी सोनिका शर्मा, अशोक पठानिया, वरुण कुमार, सुनीता बन्याल, वीरेंद्र, प्रवीण कुमार और विजय लक्ष्मी आदि ने कहा कि बीआरसीसी कार्यालय हमीरपुर में शिक्षा विभाग की ओर से किसी भी चपरासी की नियुक्ति नहीं की गई है। इस कारण उन्हें स्वयं गोदामों से किताबें अन्य सामान ढोना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि वे शिक्षा विभाग से कार्यालय में चपरासी नियुक्त करने की मांग कर चुके हैं लेकिन विभाग की ओर से काई भी कार्रवाई नहीं की गई।
बीआरसीसी कार्यालय में कोई भी चपरासी नहीं है। इस कारण शिक्षकों को गोदामों से पुस्तकें लाने के लिए भेजा जा रहा है। शीघ्र ही कार्यालय में चपरासी की नियुक्ति कर दी जाएगी।
कुलभूषण राकेश, उपनिदेशक, प्रारंभिक शिक्षा विभाग हमीरपुर
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