प्रार्थना-पत्र (पत्र-लेखन) - Letter Writing in Hindi
प्रार्थना-पत्र (पत्र-लेखन)
पत्र लिखना भी एक अत्यन्त आवश्यक कला है । अत: विद्यार्थियों को इसका ज्ञान भी बहुत आवश्यक है । पत्र-लेखन ही ऐसी कला है जिसके द्वारा हम दूर बैठे अपने मित्रों, निकट सम्बन्धियों आदि से सम्पर्क स्थापित कर सकते हैं ।
पत्र लिखते समय निम्नलिखित बातों का ध्यान अवश्य रखना चाहिए -
१. पत्र की भाषा सरल और शिष्ट होनी चाहिए ।
२. एक ही बात को बार-बार नहीं दोहराना चाहिए |
३. प्रत्येक वात एक - दूसरे से सम्बन्धित होनी चाहिए ।
४. लेखनी शुद्ध और साफ होनी चाहिए।
पत्र मुख्यतः निम्नलिखित तीन प्रकार के होते हैं -
१. व्यक्तिगत पत्र - ये पत्र अपने मित्रों, सम्बन्धियों, जैसे - माता-पिता, भाई-बहिन आदि के लिए लिखे जाते हैं ।
२. व्यापारिक पत्र - ये पत्र वस्तुओं को खरीदने और बेचने आदि अर्थात व्यापार की बातों के लिए लिखे जाते हैं ।
३. सरकारी तथा अर्द्ध-सरकारी पत्र - ये पत्र सरकारी तथा अर्द्ध-सरकारी कार्यालयों को लिखे जाते हैं ।
महत्वपूर्ण प्रश्न - उत्तर
पत्र लिखते समय किन -किन बातों का ध्यान रखना अवश्य है ?
पत्र लिखते समय निम्नलिखित बातों का अवश्य ध्यान रखे -
१. पत्र की भाषा सरल और शिष्ट होनी चाहिए ।
२. एक ही बात को बार-बार नहीं दोहराना चाहिए |
३. प्रत्येक वात एक - दूसरे से सम्बन्धित होनी चाहिए ।
४. लेखनी शुद्ध और साफ होनी चाहिए।
पत्र मुख्यतः कितने प्रकार के होते है?
पत्र मुख्यतः तीन प्रकार के होते हैं -
१. व्यक्तिगत पत्र
२. व्यापारिक पत्र
३. सरकारी तथा अर्द्ध-सरकारी पत्र
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